संज्ञा एक महत्वपूर्ण व्याकरणिक तत्व है, जो किसी वस्तु, व्यक्ति, या स्थान के नाम को व्यक्त करता है। आइए संज्ञा के भेद और उनके विभिन्न प्रकारों को विस्तार से समझें।
किसी वस्तु, व्यक्ति या स्थान के नाम को संज्ञा कहते हैं। संज्ञा एक विकारी शब्द है, जिसका अर्थ है कि यह लिंग, वचन, तथा कारक के अनुसार बदलता है।
संज्ञा के पांच मुख्य भेद होते हैं:
जिस शब्द से एक विशेष व्यक्ति, वस्तु या स्थान का बोध होता है, उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे:
जिस शब्द से एक ही प्रकार की वस्तुओं या व्यक्तियों का बोध होता है, उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे:
जिस शब्द से किसी वस्तु या व्यक्ति के गुण, धर्म, या दशा का बोध होता है, उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं। भाववाचक संज्ञा का निर्माण जातिवाचक संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, तथा क्रिया से किया जाता है। जैसे:
जिस शब्द से किसी वस्तु या व्यक्ति के समूह का बोध होता है, उसे समूहवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे:
जिस शब्द से किसी वस्तु के माप या तौल का बोध होता है, उसे द्रव्यवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे:
नोट: भाववाचक संज्ञा तथा द्रव्यवाचक संज्ञा का प्रयोग प्रायः एकवचन में होता है।
संज्ञा के कितने भेद होते हैं?
उत्तर: (d) 5 ✅
जिस शब्द से किसी व्यक्ति का बोध होता है, उसे क्या कहते हैं?
उत्तर: (a) व्यक्तिवाचक संज्ञा ✅
प्राकृतिक तत्वों के नाम किस प्रकार की संज्ञा में आते हैं?
उत्तर: (b) जातिवाचक संज्ञा ✅
याद रखें: संज्ञा और उसके भेदों को अच्छे से समझना यूपी पुलिस कांस्टेबल परीक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। 📚✨