वाच्य (Voice)

वाच्य का परिचय

वाच्य से इस बात का पता चलता है कि कब वाक्य में क्रिया का परिवर्तन कर्ता के अनुसार होता है, कब कर्म के अनुसार होता है, तथा कब कर्ता और कर्म के अनुसार न होकर भाव के अनुसार होता हैं।

वाच्य के भेद

वाच्य के तीन भेद होते हैं:

🧑‍🏫 1. कर्तृवाच्य

जब वाक्य में क्रिया का परिवर्तन कर्ता के अनुसार होता है, तब उसे कर्तृवाच्य कहते हैं।

✉️ मोहन पत्र लिखता है।

📝 राधिका पत्र लिखती है।

📜 2. कर्मवाच्य

जब वाक्य में क्रिया का परिवर्तन कर्म के अनुसार होता है, तब उसे कर्मवाच्य कहते हैं।

📩 रमेश ने पत्र लिखा।

🍚 रमेश ने खीर खायी।

💭 3. भाववाच्य

जब वाक्य में क्रिया का परिवर्तन कर्ता तथा कर्म के अनुसार न होकर भाव के अनुसार होता है, तब उसे भाववाच्य कहते हैं।

इसमें हमेशा नकारात्मक वाक्य होता है।

📚🚫 उससे पढ़ा नहीं जाता है।

🏃‍♂️🚫 उससे दौड़ा नहीं जाता है।

👩‍👦‍👦 पार्वती ने अपने पुत्रों को पुकारा।

महत्वपूर्ण: वाच्य का ज्ञान हिंदी व्याकरण में वाक्य संरचना को समझने के लिए अत्यंत आवश्यक है। इससे हम वाक्य के कर्ता, कर्म और क्रिया के बीच के संबंधों को बेहतर समझ सकते हैं।