क्रिया के जिस रूप से किसी कार्य के वर्तमान समय में होने का बोध हो उसे वर्तमान काल कहते हैं।
क्रिया के जिस रूप से किसी कार्य के सामान्य वर्तमान में होने की सूचना मिले उसे सामान्य वर्तमान काल कहते हैं।
उदाहरण:
क्रिया के जिस रूप से किसी कार्य के सामान्य वर्तमान में होने की निरंतरता का बोध हो उसे तात्कालिक वर्तमान काल कहते हैं।
उदाहरण:
क्रिया के जिस रूप से किसी कार्य के सामान्य वर्तमान में होने की पूर्णता का बोध हो उसे पूर्ण वर्तमान काल कहते हैं।
उदाहरण:
क्रिया के जिस रूप से किसी कार्य के वर्तमान समय में संदेह प्रकट हो, वहाँ संदिग्ध वर्तमान काल होता है।
उदाहरण:
क्रिया का वह रूप जिससे किसी कार्य के वर्तमान समय में होने की सम्भावना का बोध हो उसे सम्भाव्य वर्तमान काल कहते हैं।
उदाहरण:
क्रिया के जिस रूप से किसी कार्य के बीते हुए समय में होने का बोध हो उसे भूतकाल कहते हैं।
क्रिया के जिस रूप से किसी कार्य के सामान्य भूतकाल की सूचना मिले उसे सामान्य भूतकाल कहते हैं।
उदाहरण:
क्रिया के जिस रूप से किसी कार्य के निकट भूत में होने की सूचना मिले उसे आसन्न भूतकाल कहते हैं।
उदाहरण:
क्रिया के जिस रूप से किसी कार्य के भूतकाल में होने की पूर्ण सूचना मिले उसे पूर्ण भूतकाल कहते हैं।
उदाहरण:
क्रिया के जिस रूप से किसी कार्य के भूतकाल में होने की निरंतरता का बोध हो उसे अपूर्ण भूतकाल कहते हैं।
उदाहरण:
क्रिया के जिस रूप से किसी कार्य के भूतकाल में होने में संदेह प्रकट हो, वहाँ संदिग्ध भूतकाल होता है।
उदाहरण:
क्रिया के जिस रूप से यह पता चले कि कार्य भूतकाल में होने वाला था लेकिन किसी कारणवश नहीं हो पाया, वहाँ हेतुहेतुमद भूतकाल होता है।
उदाहरण:
क्रिया के जिस रूप से किसी कार्य के आने वाले समय में होने का बोध हो उसे भविष्यकाल कहते हैं।
क्रिया के जिस रूप से किसी कार्य के सामान्य भविष्य के कार्य की सूचना मिले उसे सामान्य भविष्य काल कहते हैं।
उदाहरण:
क्रिया के जिस रूप से किसी कार्य के भविष्य में होने की सम्भावना का बोध हो उसे सम्भाव्य भविष्य काल कहते हैं।
उदाहरण:
जब भविष्य काल में एक क्रिया का होना दूसरी क्रिया पर निर्भर हो, तब उसे हेतुहेतुमद भविष्य काल कहते हैं।
उदाहरण: