लिंग, वचन, कारक

लिंग (Gender)

📚 अर्थ

लिंग का अर्थ चिन्ह या निशान है। संज्ञा के जिस रूप से किसी वस्तु/व्यक्ति के नर या मादा होने का बोध हो, उसे लिंग कहते हैं। लिंग का निर्धारण करना विद्वानों के लिए भी कठिन कार्य रहा है क्योंकि कुछ शब्द ऐसे भी हैं जो एक-दूसरे के पर्याय होते हुए भी उनके लिए अलग-अलग लिंग होते हैं।

📝 जैसे

पुल्लिंग स्त्रीलिंग
नेत्र आँख
ग्रंथ पुस्तक
लिंग के भेद/प्रकार

हिन्दी में लिंग के दो प्रकार होते हैं:

  1. पुल्लिंग (Masculine)
    • अर्थ: वह शब्द जिनसे पुरुष जाति का बोध होता है।
    • उदाहरण: पिता, भाई, घोड़ा, कुत्ता
  2. स्त्रीलिंग (Feminine)
    • अर्थ: वह शब्द जिनसे स्त्री जाति का बोध होता है।
    • उदाहरण: माता, बहन, घोड़ी, कुतिया

🔍 पुल्लिंग की पहचान

  1. जिस संज्ञा शब्द के अन्त में 'न' हो:
    • जैसे: पालन, पोषण, नयन, वचन
    • अपवाद: पवन (उभयलिंग)
  2. जिस संज्ञा के अन्त में 'ज' हो:
    • जैसे: जलज, पंकज, नीरज
  3. जिस संज्ञा के अन्त में 'त्र' हो:
    • जैसे: नेत्र, मित्र, पात्र, पत्र
  4. जिस संज्ञा के अन्त में 'ख' हो:
    • जैसे: सुख, दुख, लेख, शंख
  5. जिस संज्ञा के अन्त में 'त' हो:
    • जैसे: गीत, गणित, मत, स्वागत

नोट: जतनखत्र ☝️ ☝️

  1. जिस संज्ञा के अन्त में त्व व य हो वे प्रायः पुल्लिंग होते हैं:
    • जैसे: गुरुत्व, गौरव, शौर्य
  2. जिस शब्दों के अन्त में पा, पन, आव, आवा, खाना जुड़े हों, वे भी प्रायः पुल्लिंग होते हैं:
    • जैसे: बुढ़ापा, मोटापा, बचपन, घुमाव, पागलखाना

🔍 स्त्रीलिंग की पहचान

  1. जिस संज्ञा के अन्त में 'ई' हो:
    • जैसे: रोटी, चिट्ठी, टोपी, नदी
    • अपवाद: घी, दही, पानी
  2. जिस संज्ञा के अन्त में 'ऊ' हो:
    • जैसे: लू, बालू, झाड़ू, दारु
    • अपवाद: आँसू, आलू, रतालू
  3. जिस संज्ञा के अन्त में स हो:
    • जैसे: मिठास, प्यास, साँस, सास

नोट: चाय चटनी स्याही शराब स्त्रीलिंग हैं। शरबत पुल्लिंग है। ☝️

पुल्लिंग से स्त्रीलिंग बनाने के नियम
  1. अकारान्त/आकारान्त हो तो ईकारान्त में बदलने पर स्त्रीलिंग हो जाते हैं:
    पुल्लिंग स्त्रीलिंग
    नर नारी
    देव देवी
    लड़का लड़की
    घोड़ा घोड़ी
  2. कुछ जाति वाचक संज्ञाओं में (उपनाम) आनी प्रत्यय लगाकर स्त्रीलिंग बनाया जाता हैं:
    पुल्लिंग स्त्रीलिंग
    सेठ सेठानी
    जेठ जेठानी
    देवर देवरानी
    मेहतर मेहतरानी
  3. कुछ जाति या व्यवसाय बोधक शब्दों में अन्तिम स्वर का लोप करके 'इन/आइन' प्रत्यय लगाने पर स्त्रीलिंग बन जाता हैं:
    पुल्लिंग स्त्रीलिंग
    धोबी धोबिन
    माली मालिन
    पंडा पंडाइन
    बनिया बनियाइन
  4. मान्/वान् को क्रमशः मती/वती में बदलने पर:
    पुल्लिंग स्त्रीलिंग
    श्रीमान श्रीमती
    भगवान् भगवती
    भाग्यवान भाग्यवती
  5. 'अ' को आ में बदलने पर कुछ शब्द स्त्रीलिंग में बदल जाते हैं:
    पुल्लिंग स्त्रीलिंग
    आत्मज आत्मजा
    तनय तनया
    प्रिय प्रिया

सारांश: लिंग का निर्धारण करते समय हमें उनके नियमों के साथ-साथ व्यावहारिक पक्ष पर भी ध्यान देना चाहिए। नियमों और अपवादों का सही ज्ञान होना आवश्यक है। 🚀

वचन (Number)

📚 परिभाषा

संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से संख्या का बोध होता है, उसे वचन कहते हैं।

हिन्दी में संख्या का बोध एक या एक से अधिक रूपों में होता है।

वचन के भेद/प्रकार

हिन्दी में वचन के दो भेद होते हैं:

  1. एकवचन: जिस शब्द से एक वस्तु/व्यक्ति का बोध होता है, उसे एकवचन कहते हैं।

    जैसे: लड़का, घोड़ा, गाय इत्यादि।

  2. बहुवचन: जिस शब्द से एक से अधिक वस्तुओं या व्यक्तियों का बोध होता है, उसे बहुवचन कहते हैं।

    जैसे: लड़के, घोड़े, गायें इत्यादि।

📝 विभक्ति रहित संज्ञाओं के बहुवचन बनाने के नियम

Rule 1: आकारान्त पुल्लिंग संज्ञाओं को एकारान्त में बदलने पर बहुवचन बन जाता है।

जैसे:

  • लड़का → लड़के
  • घोड़ा → घोड़े
  • केला → केले
  • कुत्ता → कुत्ते
  • बच्चा → बच्चे
  • कपड़ा → कपड़े

नोट: सम्बन्ध सूचक आकारान्त पुल्लिंग शब्दों के एकवचन तथा बहुवचन में दोनों समान होते हैं।

जैसे: मामा, नाना, बाबा, काका, चाचा, पापा इत्यादि।

Rule 2: आकारान्त स्त्रीलिंग संज्ञाओं को "एँ" में बदलने पर बहुवचन बन जाता है।

जैसे:

  • महिला → महिलाएँ
  • कन्या → कन्याएँ
  • वार्ता → वार्ताएँ
  • शिला → शिलाएँ
  • लता → लताएँ

कुछ शब्द सदैव बहुवचन होते हैं:

प्राण, दर्शन, आंसू, होश, बाल, हस्ताक्षर

कुछ शब्द नित्य एकवचन होते हैं:

माल, जनता, सामान, सामग्री, सोना

Rule 3: आकारान्त स्त्रीलिंग संज्ञाओं को "ए" में बदलने पर बहुवचन बन जाता है।

जैसे:

  • गाय → गाये
  • रात → राते
  • बात → बाते
  • सड़क → सड़के

Rule 4: इकारान्त/ईकारान्त स्त्रीलिंग संज्ञाओं को बहुवचन बनाते समय ई को ह्रस्व (इ) करके अन्त में "याँ" लगाने से बहुवचन बन जाता है।

जैसे:

  • तिथि → तिथियाँ
  • नीति → नीतियाँ
  • रीति → रीतियाँ
  • कहानी → कहानियाँ
  • लड़की → लड़कियाँ

Rule 5: जिन स्त्रीलिंग संज्ञाओं के अन्त में 'या' आता है, उसके ऊपर चन्द्रबिन्दु लगाने से बहुवचन बन जाता है।

जैसे:

  • डिबिया → डिबियाँ
  • बुढिया → बुढियाँ
  • कुटिया → कुटियाँ
  • पुड़िया → पुड़ियाँ

Rule 6: कुछ शब्दों को बहुवचन बनाने के लिए गण, वर्ग, जन, लोग, वृन्द इत्यादि शब्दों का प्रयोग किया जाता है।

जैसे:

  • छात्र → छात्रगण
  • पाठक → पाठकगण
  • अधिकारी → अधिकारीवर्ग
  • कर्मचारी → कर्मचारी वर्ग
  • गुरु → गुरुजन
  • आप → आपलोग
  • नारी → नारीवृन्द
  • खग → खगवृन्द

⚠️ महत्वपूर्ण नोट

Note - 1: 'अनेक' बहुवचन है, अतः इसका प्रयोग बहुवचन में 'अनेकों' के रूप में करना गलत होगा।

जैसे:

  • अर्जुन के अनेकों नाम हैं। (×)
  • अर्जुन के अनेक नाम हैं। (√)

Note - 2: प्राण, दर्शन, लोग, आँसू, हस्ताक्षर का प्रयोग सदैव बहुवचन में होता है।

जैसे:

  • उसका प्राण निकल गया। (×)
  • उसके प्राण निकल गये। (√)
  • मैं आपका दर्शन करने आया हूँ। (×)
  • मैं आपके दर्शन करने आया हूँ। (√)

Note - 3: आदरणीय व्यक्ति के लिए बहुवचन शब्द का प्रयोग होता है।

  • पिताजी आ रहे हैं।
  • तुलसी श्रेष्ठ कवि हैं।
  • आप क्या चाहते हैं?
कारक (Case)

📚 परिभाषा

कारक 'कृ' धातु से बना है जिसका अर्थ है करने वाला। संज्ञा या सर्वनाम के जिस रुप से उसका संबंध सूचित होता है उसे कारक कहते हैं। कारक का अपना कोई अर्थ नहीं होता है, इसका काम केवल संबंध को सूचित करना है।

🔤 विभक्ति (Inflection)

कारक को दर्शाने के लिए जिन चिन्हों का प्रयोग किया जाता है, उसे विभक्ति कहते हैं। इसे परसर्ग के नाम से भी जाना जाता है।

हिन्दी में कारकों की कुल संख्या 8 है:

कारक विभक्ति/कारक चिन्ह
1. कर्ता ने
2. कर्म को
3. करण से, के द्वारा (साधन के अर्थ में प्रयोग)
4. सम्प्रदान को, के लिए
5. अपादान से (अलग होने के अर्थ में)
6. सम्बन्ध का, की, के, रा, री, रे
7. अधिकरण में, पर, पै
8. सम्बोधन हे, हो, अरे, अजी
कारकों का विस्तृत विवरण

1️⃣ कर्ता कारक (Subject Case)

जिस शब्द से किसी कार्य के करने का बोध हो उसे कर्ता कारक कहते हैं।

उदाहरण:

  • वह जाता है।
  • दीपक ने पत्र लिखा।

2️⃣ कर्म कारक (Object Case)

क्रिया का प्रभाव जिस पर पड़ता है उसे कर्म कहते हैं।

उदाहरण:

  • दीपक पुस्तक पढ़ता है।
  • माँ ने बच्चे को खिलाया।
  • सुरेन्द्र ने मोहन को बुलाया।

3️⃣ करण कारक (Instrumental Case)

करण का अर्थ है साधन। जहाँ पर 'से' का प्रयोग साधन के अर्थ में किया जाता है वहाँ करण कारक होता है।

उदाहरण:

  • बच्चे फुटबाल से खेलते हैं।
  • किसान हल से खेत जोतता है।
  • राधिका पेन से लिखती है।
  • लकड़हारा कुल्हाड़ी से वृक्ष काटता है।

4️⃣ सम्प्रदान कारक (Dative Case)

जिसको कुछ दिया जाए या जिसके लिए कुछ किया जाए वहाँ सम्प्रदान कारक होता है।

उदाहरण:

  • माँ ने बालक को मिठाई दी।
  • D.M. ने बाढ़ पीड़ितों को वस्त्र और अनाज दिए।
  • किसान ने भिखारी को खाना खिलाया।

5️⃣ अपादान कारक (Ablative Case)

अपादान का अर्थ है अलग होना। जहाँ पर किसी वस्तु के अलग होने का बोध हो वहाँ अपादान कारक होता है।

उदाहरण:

  • पेड़ से पत्ता गिरता है।
  • गंगा हिमालय से निकलती है।
  • बिल्ली छत से कूदी।

6️⃣ सम्बन्ध कारक (Possessive Case)

संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से उसका अन्य भागों से संबंध सूचित होता है उसे सम्बन्ध कारक कहते हैं।

उदाहरण:

  • रमेश का घर दूर है।
  • महेन्द्र की पुस्तक मेज पर है।

7️⃣ अधिकरण कारक (Locative Case)

संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से उसके आकार का बोध (दिशा) हो उसे अधिकरण कारक कहते हैं।

उदाहरण:

  • चिड़िया घोंसले में है।
  • शेर गुफा में है।
  • बालक छत पर है।

8️⃣ सम्बोधन कारक (Vocative Case)

संज्ञा के जिस रूप से किसी के पुकारने का बोध होता है वहाँ सम्बोधन कारक होता है।

उदाहरण:

  • हे भगवान् मेरी रक्षा कीजिए।
  • अरे तुम आ गए।

नोट: संस्कृत में कारकों की संख्या 7 होती है। इसमें सम्बन्ध कारक का प्रयोग नहीं होता है।

📝 पूर्व परीक्षा में पूछे गए प्रश्न

  1. कर्त्ता कारक किस विभक्ति चिन्ह से दर्शाया जाता है?
    उत्तर: ने
  2. कर्म कारक का विभक्ति चिन्ह क्या है?
    उत्तर: को
  3. करण कारक का विभक्ति चिन्ह क्या होता है?
    उत्तर: से, के द्वारा (साधन के अर्थ में)
  4. सम्प्रदान कारक का विभक्ति चिन्ह क्या है?
    उत्तर: को, के लिए
  5. अपादान कारक का विभक्ति चिन्ह क्या होता है?
    उत्तर: से (अलग होने के अर्थ में)
  6. सम्बन्ध कारक का विभक्ति चिन्ह क्या है?
    उत्तर: का, की, के, रा, री, रे
  7. अधिकरण कारक का विभक्ति चिन्ह क्या होता है?
    उत्तर: में, पर, पै
  8. सम्बोधन कारक का विभक्ति चिन्ह क्या है?
    उत्तर: हे, हो, अरे, अजी