मुहावरा अरबी भाषा के शब्द 'मुहावरः' से लिया गया है जिसका अर्थ है- गुफ्तगू करना (बातचीत करना)।
तात्पर्य यह है कि- आपसी बातचीत के दौरान प्रयुक्त होने वाला वह वाक्यांश (phrase) जिसके प्रयोग से कथन में चमत्कार पैदा हो जाता है, मुहावरा कहलाता है। यह अपना सामान्य अर्थ न देकर एक विशेष अर्थ प्रकट करता है।
लोकोक्ति दो शब्दों 'लोक' और 'उक्ति' से मिलकर बना है। लोक का अर्थ है- सामाजिक तथा उक्ति का अर्थ है- कथन।
इस प्रकार लोकोक्ति का शाब्दिक अर्थ हुआ सामाजिक कथन।
तात्पर्य यह कि- समाज में प्रचलित वह कथन जो पूर्ण वाक्य होते हैं तथा जिसका स्वतन्त्र अस्तित्व होता है और जिसके प्रयोग से कथन में यथार्थ तथा व्यंग प्रकट होता है, उसे लोकोक्ति कहते हैं। यह प्रायः अनुभव पर आधारित होती है।
| क्रमांक | मुहावरा | अर्थ |
|---|---|---|
| 1 | गूलर का फूल होना | लापता होना / दुर्लभ होना |
| 2 | ईद का चाँद होना | बहुत दिनों बाद दिखाई देना |
| 3 | वेद वाक्य मानना | प्रमाणिक बात स्वीकार करना |
| 4 | अपना सा मुँह लेकर रह जाना | शर्मिन्दा होना / लज्जित होना |
| 5 | अपनी नींद सोना, अपनी नींद जगना | किसी बात की चिंता न होना / पूर्ण स्वतंत्र होना |
| 6 | अंगारे पर पैर रखना | खतरनाक काम करना / जानबूझकर मुसीबत मोल लेना |
| 7 | अंधेरे में तीर चलाना | लक्ष्यविहीन प्रयास करना / अनुमान से कार्य करना |
| 8 | अक्ल पर पत्थर पड़ना | बुद्धि भ्रष्ट होना / समझ न रहना |
| 9 | अमर बेल होना | दृढ़ता पूर्वक चिपकना / साथ न छोड़ना |
| 10 | आँख उठाकर न देखना | तिरस्कार करना / उपेक्षा करना |
| 11 | आँखें बिछाना | प्रेम से स्वागत करना / उत्सुकता से प्रतीक्षा करना |
| 12 | आटे-दाल का भाव मालूम होना | दुनियादारी का ज्ञान होना / कठिनाई का अनुभव होना |
| 13 | आड़े हाथों लेना | बातों से लज्जित करना / खरी-खोटी सुनाना |
| 14 | आसमान के तारे तोड़ना | असम्भव कार्य करना |
| 15 | आसमान पर थूकना | किसी महापुरुष का निरादर करना / निर्दोष पर कलंक लगाना |
| 16 | उँगुली उठाना | आपत्ति प्रकट करना / दोषारोपण करना |
| 17 | उतार-चढ़ाव देखना | अनुभव प्राप्त करना |
| 18 | उधारे खाये बैठना | प्रतीक्षा में रहना / किसी कार्य हेतु तत्पर रहना |
| 19 | कच्चा-चिट्ठा खोलना | सब भेद खोलना / रहस्य उजागर करना |
| 20 | काफूर होना | गायब होना / भाग जाना |
| 21 | कोढ़ में खाज होना | दुःख में और दुःख आना |
| 22 | ख्याली पुलाव पकाना | केवल कल्पनाएँ करना / व्यर्थ की योजनाएँ बनाना |
| 23 | खटाई में पड़ना | कुछ निर्णय न हो पाना / काम में बाधा आना |
| 24 | खूँटे के बल कूदना | किसी का सहारा मिलने पर अकड़ना / दूसरे के बल पर इतराना |
| 25 | गीता का ज्ञान होना | पूर्ण ज्ञान होना |
| 26 | घड़ों पानी पड़ना | लज्जित होना / अत्यंत शर्मिंदा होना |
| 27 | टोपी उछालना | निरादर करना / अपमानित करना |
| 28 | जूतियों में दाल बाँटना | लड़ाई-झगड़ा हो जाना / मनमुटाव होना |
| 29 | उड़ती चिड़िया पहचानना | मन की बात जान लेना / रहस्य की बात दूर से जान लेना |
| 30 | नानी याद आना | परेशानी में पड़ जाना / होश ठिकाने आना |
| 31 | चींटी के पर निकलना | नष्ट होने के करीब होना / विनाश के लक्षण प्रकट होना |
| 32 | बाग-बाग होना | अत्यंत खुश होना / प्रसन्न होना |
| 33 | मन के लड्डू खाना | कल्पना करके प्रसन्न होना / व्यर्थ की आशा करना |
| क्रमांक | लोकोक्ति | अर्थ |
|---|---|---|
| 1 | तन पर नहीं लत्ता, पान खाय अलबत्ता | झूठी रईसी दिखाना / दिखावटीपन |
| 2 | होनहार बिरवान के होत चीकने पात | बचपन से ही अच्छे लक्षण दिखाई देना / प्रतिभा बचपन में ही दिख जाती है |
| 3 | भागते भूत की लँगोटी सही | आशा के विपरीत जो मिल जाए, वह बहुत है / जो कुछ मिल जाए वही काफी है |
| 4 | अनदेखा चोर शाह बराबर | भेद न कह पाना / बिना प्रमाण के दोषी नहीं ठहराया जा सकता |
| 5 | गंगा गये गंगा दास, जमुना गये जमुना दास | सिद्धांत बदलने वाला / अवसरवादी व्यक्ति |
| 6 | घर की मुर्गी दाल बराबर | घर में गुणी व्यक्ति को कम सम्मान मिलना / सहज उपलब्ध वस्तु का महत्व न होना |
| 7 | कहीं की ईंट कहीं का रोड़ा, भानुमती ने कुनबा जोड़ा | असंगत वस्तुओं से मिलाकर कुछ बना लेना / बेमेल वस्तुओं का संग्रह |
| 8 | जस दूल्हा तस बनी बराता | अपने समान ही संगत रखना / जैसा मुखिया वैसे ही साथी |
| 9 | आये थे हरि भजन को, ओटन लगे कपास | बड़े उद्देश्य को निर्धारित करके छोटे काम पर लग जाना / मुख्य कार्य छोड़कर गौण कार्य में लगना |
| 10 | हर्र लगे न फिटकरी, रंग चोखा होय | बिना कुछ खर्च किये ही काम बन जाना / मुफ्त में काम होना |
| 11 | नक्कारखाने में तूती की आवाज़ | बड़ों के सामने छोटों का कम महत्व होना / सुनवाई न होना |
| 12 | अंधे के आगे रोना, अपना दीदार खोना | मूर्ख को उपदेश देना व्यर्थ है / संवेदनहीन व्यक्ति से सहानुभूति की अपेक्षा करना व्यर्थ है |
| 13 | घी कहाँ गिरा? खिचड़ी में | वस्तु का सही जगह उपयोग होना / लाभ अपने ही पास रहना |
| 14 | गरीब तेरे तीन नाम - झूठा, पाजी और बेईमान | गरीब का सर्वत्र अनादर होता हैं / निर्धन व्यक्ति पर झूठे आरोप लगते हैं |