विराम चिन्ह

विराम चिन्ह का परिचय

जब हम अपने विचारों या मनोभावों को व्यक्त करते हैं, तो बीच-बीच में कुछ समय के लिए रुकना या ठहरना पड़ता है। इस रुकने या ठहरने को विराम कहते हैं। भाषा के लिखित रूप में इसे दर्शाने के लिए कुछ विशेष चिन्हों का प्रयोग किया जाता है। इन चिन्हों को विराम चिन्ह कहा जाता है।

🛑 1. पूर्ण विराम ( | )

पूर्ण विराम का अर्थ है पूरी तरह से रुकना। जहाँ वाक्य की गति अन्तिम रूप ले ले और विचारों के साथ एकदम टूट जाए, उसे पूर्ण विराम कहते हैं।

उदाहरण:
  • मैं इलाहाबाद में रहता हूँ।
  • मैं परीक्षा देने के लिए वाराणसी जा रहा हूँ।
  • उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ है।

⏸️ 2. अर्द्ध विराम ( ; )

जहाँ पूर्ण विराम की अपेक्षा कम समय के लिए रुका जाए, लेकिन अल्प विराम से कुछ अधिक समय के लिए रुका जाए, वहाँ अर्द्ध विराम चिन्ह का प्रयोग होता है।

उदाहरण:
  • गांधी जी नहीं रहे; उनकी विचारधारा अपनाओ।
  • विद्याधन अनमोल है; खर्च करने से बढ़ता है।

⏱️ 3. अल्प विराम ( , )

अल्प विराम का अर्थ है थोड़ा रुकना। जहाँ अर्द्ध विराम की अपेक्षा थोड़े समय के लिए रुकना पड़े, वहाँ अल्प विराम चिन्ह का प्रयोग किया जाता है।

नोट: सभी विराम चिन्हों में अल्प विराम का प्रयोग सबसे अधिक होता है।
उदाहरण:
  • राम, श्याम, मोहन और महेन्द्र विद्यालय जा रहे हैं।
  • 1 अगस्त, 2001
  • महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर, 1869 ई. को हुआ था।
  • सुरेंद्र ने कहा, "मैं दिल्ली जा रहा हूँ।"
  • बस, हो गया।
  • हाँ, मैं घर जा रहा हूँ।
  • महोदय,
  • पूज्य पिता जी,
  • जागो, जागो, सुबह हो गई है।
  • भागो, भागो, आग लग गई है।
  • मैंने परीक्षा पास कर ली, परन्तु वह नहीं कर सकता।
  • मुझे इलाज कराना है, इसलिए मैं दिल्ली जा रहा हूँ।
नोट: यदि वाक्य के मध्य में 'कि' का प्रयोग किया जाता है, तो उसके पहले या बाद में अल्प विराम का प्रयोग नहीं किया जाता है, क्योंकि 'कि' स्वयं अल्प विराम है।

🔗 4. योजक चिन्ह (-)

जहाँ पर कोई शब्द विशेष संबंध के कारण जुड़े होते हैं, वहाँ योजक चिन्ह का प्रयोग होता है।

उदाहरण:
  • भाई-बहन
  • कुछ-कुछ
  • बहुत-सा
  • थोड़ा-बहुत

5. निर्देशक चिन्ह (―)

इन चिन्हों का प्रयोग किसी कथन के पूर्व या संवाद लेखन में किया जाता है।

उदाहरण:
  • शास्त्री जी ने कहा― जय जवान, जय किसान।
नोट: निर्देशक चिन्ह योजक चिन्ह से बड़ा होता है।

📜 6. विवरण चिन्ह (:-)

किसी कथन की जानकारी के पूर्व विवरण चिन्ह का प्रयोग किया जाता है।

उदाहरण:
  • भारतीय सभ्यता का सूत्र है :- सत्यम् शिवम् सुन्दरम्।
  • काल के तीन भेद होते हैं :- वर्तमान, भूत, भविष्य।

🖋️ 7. हंसपद (^)

यदि वाक्य को लिखते समय बीच में कोई शब्द छूट जाए तो उस छूटे हुए शब्द के स्थान पर हंसपद का चिन्ह बनाकर ऊपर लिख दिया जाता है। हंसपद को त्रुटिपूरक के नाम से भी जाना जाता है।

उदाहरण:
  • भारत के प्रधानमंत्री का नाम नरेंद्र ^ मोदी है।
  • भारत की राजधानी दिल्ली ^ नई है।

📚 8. कोष्ठक ( ) { } [ ]

किसी शब्द के अर्थ को स्पष्ट करने के लिए कोष्ठक का प्रयोग किया जाता है।

उदाहरण:
  • महात्मा बुद्ध (सिद्धार्थ) ने अपना पहला उपदेश सारनाथ में दिया था।
  • इलाहाबाद विश्वविद्यालय का प्रवेश पत्र (एडमिट कार्ड) मिल रहा है।

✒️ 9. लाघव चिन्ह (०)

जब हम किसी शब्द को पूरा न लिखकर उसका केवल प्रथम लिखते हैं, तो उसके बाद लाघव चिन्ह का प्रयोग किया जाता है। लाघव चिन्ह को संक्षेप सूचक चिन्ह के नाम से भी जाना जाता है।

उदाहरण:
  • डॉ० ए०पी०जे० अब्दुल कलाम
  • डॉ० मनमोहन सिंह
  • कृ०प०उ०

10. प्रश्नवाचक चिन्ह (?)

जहाँ पर किसी प्रकार के प्रश्न किए जाने का बोध हो, वहाँ प्रश्नवाचक चिन्ह का उपयोग किया जाता है।

उदाहरण:
  • क्या तुम आई.ए.एस की तैयारी कर रहे हो?
  • वर्तमान में भारत के प्रधानमंत्री कौन है?
नोट: जहाँ पर स्थिति स्पष्ट न हो, वहाँ पर भी प्रश्नवाचक चिन्ह का उपयोग किया जाता है।
उदाहरण:
  • आप शायद उ.प्र. के रहने वाले हैं?

11. विस्मयादिबोधक चिन्ह (!)

जहाँ पर किसी कथन में आश्चर्य, शोक, आदि का भाव पाया जाए, वहाँ विस्मयादिबोधक का चिन्ह प्रयोग किया जाता है।

उदाहरण:
  • हे ईश्वर! सबका कल्याण करो।
  • वाह! तुम्हारे क्या कहने।
  • अरे! तुम आ गए।

📖 12. उद्धरण चिन्ह ( ' ' )( " ")

एकहरा उद्धरण चिन्ह (' ')

इस चिन्ह का प्रयोग समाचार शीर्षक, धार्मिक पुस्तक, तथा किसी व्यक्ति के उपनाम, आदि से किया जाता है।

उदाहरण:
  • 'रामायण' धार्मिक पुस्तक है।
  • 'हिन्दुस्तान' दैनिक समाचार पत्र है।
  • अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध'।
  • 'प्रदूषण' साहित्य और समान।

दोहरा उद्धरण चिन्ह (" ")

किसी कथन, कहावत के साथ दोहरे उद्धरण का प्रयोग किया जाता है।

उदाहरण:
  • बाल गंगाधर तिलक ने कहा था, "स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है, मैं इसे लेकर रहूँगा।"