वाक्य/वाक्य रचना/उपवाक्य

वाक्य का परिचय

सार्थक शब्दों का वह व्यवस्थित समूह जिसमें कर्ता और क्रिया हो तथा मनुष्य के विचारों को पूर्णतः प्रदान करे उसे वाक्य कहते हैं।

जैसे:

NOTE: वाक्य में कर्ता और क्रिया में परस्पर सामंजस्य होना चाहिए नहीं तो वाक्य व्याकरण की दृष्टि से गलत माना जाएगा।

जैसे:

  • सूर्य पश्चिम में निकलता हैं। (अशुद्ध)
  • ✔️ सूर्य पूरब में निकलता है। (शुद्ध)
  • किसान आग से खेत सींचता है। (अशुद्ध)
  • ✔️ किसान पानी से खेत सींचता है। (शुद्ध)
वाक्य के भेद/प्रकार

वाक्य को दो भागों में वर्गीकृत किया गया है:

  1. रचना के आधार पर
  2. अर्थ के आधार पर

🏗️ रचना के आधार पर

  • सरल वाक्य
  • मिश्र वाक्य
  • संयुक्त वाक्य

💡 अर्थ के आधार पर

  • विधि/साधारण वाचक वाक्य
  • निषेध वाचक वाक्य
  • आज्ञा वाचक वाक्य
  • प्रश्न वाचक वाक्य
  • विस्मय वाचक वाक्य
  • संदेश वाचक वाक्य
  • इच्छा वाचक वाक्य
  • संकेत वाचक वाक्य
रचना के आधार पर वाक्यों का वर्गीकरण

शब्दों की सहायता से वाक्य निर्माण की प्रक्रिया को वाक्य रचना कहते हैं। रचना के आधार पर वाक्य को तीन भागों में बाँटा गया है:

🔹 सरल वाक्य

जिस वाक्य में एक कर्ता और एक क्रिया हो उसे सरल वाक्य कहते हैं।

जैसे:

  • 🚶‍♂️ सुरेन्द्र जाता है।
  • 🚶‍♀️ मोना जाती है।
  • 🚶‍♂️🚶‍♀️ वे जाते हैं।

🔸 मिश्र वाक्य

जिस वाक्य में एक उपवाक्य के अतिरिक्त एक या एक से अधिक आश्रित उपवाक्य हों उसे मिश्र वाक्य कहते हैं।

जैसे:

  • 📚 जो विद्वान है उसका सर्वत्र आदर होता है।
  • 🌧️ राम ने कहा कि मैं आज विद्यालय नहीं जाऊँगा क्योंकि बारिश हो रही है।

NOTE: जिन वाक्यों में एक प्रधान (मुख्य) उपवाक्य हो और अन्य आश्रित(गौण) उपवाक्य हों तथा आपस में 'कि', 'जो', 'वह', 'जितना', 'उतना', 'जैसा', 'वैसा', 'जब', 'तब', 'जहाँ', 'वहाँ', 'जिधर', 'उधर', 'अगर/यदि', 'तो' आदि से मिश्रित हों।

🔗 संयुक्त वाक्य

जिस वाक्य में सरल या मिश्र वाक्यों का मेल संयोजक अवयव द्वारा होता है उसे संयुक्त वाक्य कहते हैं। ऐसे वाक्यों में संयोजक अवयवों को हटा लेने पर ये वाक्य स्वतंत्र हो जाते हैं।

जिन वाक्यों में 'और', 'एवं', 'तथा', 'या', 'अथवा', 'इसलिए', 'अतः', 'फिर भी', 'तो', 'नहीं तो', 'किन्तु', 'परन्तु', 'लेकिन', 'पर' आदि से जुड़े हों तो संयुक्त वाक्य कहलाते हैं।

जैसे:

  • 🙋‍♂️🙋‍♂️ राम आया और श्याम गया।
  • 📝🚄 मुझे परीक्षा देनी है और मैं गोरखपुर जा रहा हूँ।
अर्थ के आधार पर वाक्यों का वर्गीकरण

अर्थ के आधार पर वाक्यों को 8 भागों में बाँटा गया है:

📢 विधि/साधारण वाक्य

जहाँ पर कर्ता द्वारा कोई कार्य किया जा रहा है वहाँ विधि वाचक वाक्य होता है। विधि वाचक वाक्य को साधारण वाचक वाक्य के नाम से भी जाना जाता है।

जैसे:

  • महेन्द्र फुटबाल खेलता है।
  • ✍️ मीना पत्र लिखती है।

🚫 निषेधात्मक वाक्य

जहाँ पर किसी भाव में नकारात्मकता का भाव पाया जाता है वहाँ पर निषेध वाचक वाक्य होता है।

जैसे:

  • मैं आज कोचिंग जाऊँगा।
  • 🚫📚 मैं पढ़ने नहीं जाऊँगा।

👮 आज्ञा सूचक वाक्य

जहाँ पर किसी वाक्य में आदेशात्मकता का भाव निहित हो वहाँ आज्ञा सूचक वाक्य होता है।

जैसे:

  • 🛒 तुम बाजार जाओ।
  • 🙋‍♂️ मोहन यहाँ आओ।

प्रश्नवाचक वाक्य

जहाँ पर किसी वाक्य में किसी प्रकार के प्रश्न किये जाने का बोध हो वहाँ प्रश्नवाचक वाक्य होता है।

जैसे:

  • 🚗 क्या आप आगरा जा रहे हो?
  • 🏛️ वर्तमान में U.P. के C.M. कौन है?

🙏 इच्छावाचक वाक्य

जहाँ पर किसी प्रकार की इच्छा या शुभकामना का बोध हो वहाँ इच्छावाचक वाक्य होता है।

जैसे:

  • 🙌 तुम अपने कार्य में सफल रहो।
  • 😊 सदा सुखी रहो।

🤔 संदेहवाचक वाक्य

जहाँ पर किसी वाक्य में संदेह प्रकट हो वहाँ संदेहवाचक वाक्य होता है।

जैसे:

  • 🏏 भारत ने इंग्लैंड से मैच जीत लिया होगा।
  • 🏡 बालक घर पहुँच गया होगा।

😲 विस्मयवाचक वाक्य

जहाँ पर किसी प्रकार का आश्चर्य का भाव मिले वहाँ विस्मयवाचक वाक्य होता है।

जैसे:

  • 🎉 अरे! तुमने I.A.S. परीक्षा पास कर ली।

🔀 संकेतवाचक वाक्य

जहाँ पर एक क्रिया का होना दूसरी क्रिया पर निर्भर हो वहाँ संकेतवाचक वाक्य होता है।

जैसे:

  • 🌧️🌳 पानी न बरसता तो पेड़-पौधे सूख जाते।
  • 😓 सचिन मेरी सहायता न करता तो मैं परीक्षा में फेल हो जाता।
वाक्य रचना का परिचय

वाक्य निर्माण की प्रक्रिया को वाक्य रचना कहते हैं। इसके अंतर्गत निम्नलिखित भाग आते हैं:

  1. पदक्रम (Order)
  2. अन्वय (Co-ordination)
  3. प्रयोग (Use)
1. पदक्रम (Order)

🔸 हिन्दी वाक्यों में पदक्रम

हिन्दी के वाक्यों में पदक्रम का विशेष महत्व है। इसका अर्थ है कौन-सा पद किसके बाद आएगा। हिन्दी के वाक्यों में पहले कर्ता, तब कर्म, उसके बाद क्रिया का स्थान होता है।

➡️ कर्ता - कर्म - क्रिया

उदाहरण: रोहन किताब पढ़ता है।

  • कर्ता: रोहन
  • कर्म: किताब
  • क्रिया: पढ़ता है

🔸 नोट:

  • यदि कर्ता और कर्म के स्थान आपस में बदल दिए जाएँ, तो अर्थ भी बदल जाता है।
  • उदाहरण: साँप मेढक खाता है → मेढक साँप खाता है।

🔸 विशेषण और क्रिया-विशेषण का प्रयोग

प्रायः संज्ञा के पहले विशेषण तथा क्रिया के पहले क्रिया-विशेषण का प्रयोग होता है।

उदाहरण: अच्छे बच्चे धीरे-धीरे दौड़ते हैं।

  • विशेषण: अच्छे
  • विशेष्य: बच्चे
  • क्रियाविशेष: धीरे-धीरे
  • क्रिया: दौड़ते हैं

🔸 निपात का प्रयोग

निपात का प्रयोग जिस शब्द पर बल देना हो, उसके बाद किया जाता है। (भी, ही, तक)

उदाहरण:

  • मैं भी वी.डी.ओ. की परीक्षा पास कर सकता हूँ।
  • यह काम मैं भी कर सकता हूँ।
  • यह काम तुम ही कर सकते हो।
  • I.A.S. की परीक्षा मैं भी ही पास कर सकता हूँ। (अशुद्ध)
  • I.A.S. की परीक्षा मैं भी पास कर सकता हूँ।
  • या I.A.S. की परीक्षा मैं ही पास कर सकता हूँ।
2. अन्वय (मेल)

📏 Rule 1:

यदि कर्ता के साथ "ने" परसर्ग का प्रयोग न हुआ हो, तो क्रिया कर्ता के अनुसार होती है।

उदाहरण:

  • राम लिखता है।
  • श्याम पत्र लिखता है।

📏 Rule 2:

यदि कर्ता के साथ "ने" परसर्ग का प्रयोग हुआ हो तथा कर्म के साथ किसी परसर्ग का प्रयोग न हुआ हो, तो उसकी क्रिया कर्म के अनुसार होती है।

उदाहरण:

  • श्याम ने खीर खायी।
  • सीता ने पत्र लिखा।
  • राम ने पत्र लिखा।

📏 Rule 3:

यदि कर्ता के साथ "ने" परसर्ग का प्रयोग तथा कर्म के साथ "को" परसर्ग का प्रयोग हुआ हो, तो उसकी क्रिया पुल्लिंग तथा एकवचन में होती है।

उदाहरण:

  • राम ने श्याम को पीटा।
  • लड़कियों ने लड़कों को पीटा।

📏 Rule 4:

यदि वाक्य में एक ही लिंग, वचन और पुरुष से अनेक विभक्ति रहित कर्ता हो तथा अन्तिम कर्ता के पहले "और" संयोजक अवयव आया हो, तो उसकी क्रिया उसी लिंग के बहुवचन में होती है।

उदाहरण:

  • लव और कुश बाजार जाते हैं।
  • राम, श्याम और मोहन विद्यालय जा रहे हैं।
  • रीता और गीता विद्यालय जा रही हैं।

📏 Rule 5:

यदि किसी वाक्य में एक कर्ता पुल्लिंग और दूसरा कर्ता स्त्रीलिंग हो, तो उसकी क्रिया पुल्लिंग तथा बहुवचन में होती है।

उदाहरण:

  • राम और सीता विद्यालय जा रहे हैं।
  • बाघ और बकरी एक घाट पर पानी पीते हैं।
वाक्यों को शुद्ध करें
❌ आपका भाविष्य उज्जवल हैं। ✅ आपका भविष्य उज्जवल है।
❌ भीष्म पितामह बाणों की शैया पर लेटे थे। ✅ भीष्म पितामह बाणों की शय्या पर लेटे थे।
❌ ऋषि ने शकुंतला को श्राप दिया। ✅ ऋषि ने शकुंतला को शाप दिया।
❌ बंदूक एक उपयोगी शस्त्र है। ✅ बंदूक एक उपयोगी अस्त्र है।
❌ मेरे पास केवल मात्र 200 रुपये हैं। ✅ मेरे पास मात्र 200 रुपये हैं।
❌ एक फूलों की माला लाओ। ✅ फूलों की एक माला लाओ।
❌ अटल बिहारी वाजपेयी की मृत्यु से देश को बहुत खेद हुआ। ✅ अटल बिहारी वाजपेयी की मृत्यु से देश को बहुत दुःख हुआ।
❌ श्री कृष्ण के अनेकों नाम हैं। ✅ श्री कृष्ण के अनेक नाम हैं।
❌ उसका प्राण निकल गया। ✅ उसके प्राण निकल गए।
❌ आज शाम को बारिश होगी। ✅ आज शाम को बारिश होगी।
❌ घी अच्छी है। ✅ घी अच्छा है।
❌ मेरे पास केवल मात्र 200 रुपये हैं। ✅ मेरे पास मात्र 200 रुपये हैं।
❌ वह गणित में अभी भी कमजोर है। ✅ वह गणित में अभी कमजोर है।
❌ हिमालय पर्वत सबसे ऊँचा पर्वत है। ✅ हिमालय सबसे ऊँचा पर्वत है।
❌ दीपावली के उपलक्ष में विद्यालय बंद रहेगा। ✅ दीपावली के उपलक्ष्य में विद्यालय बंद रहेगा।
❌ रविवार के दिन कोचिंग बंद रहेगा। ✅ रविवार को कोचिंग बंद रहेगा।
उपवाक्य का परिचय

उपवाक्य वाक्य का भाग होता है जिसका अपना अर्थ होता है। इसमें उद्देश्य (कर्ता) और विधेय (क्रिया) होता है।

उपवाक्य तीन प्रकार के होते हैं:

  1. संज्ञा उपवाक्य
  2. विशेषण उपवाक्य
  3. क्रिया-विशेषण उपवाक्य
संज्ञा उपवाक्य (Noun Clause)

📝 परिभाषा

संज्ञा उपवाक्य वह आश्रित उपवाक्य है जो संज्ञा के भाँति प्रयुक्त होता है। यह उपवाक्य प्रायः 'कि' से प्रारम्भ होता है।

उदाहरण:

मुख्य बिंदु:

संज्ञा उपवाक्य का प्रारम्भ 'कि' से होता है।

विशेषण उपवाक्य (Adjective Clause)

🌟 परिभाषा

विशेषण उपवाक्य वह आश्रित उपवाक्य है जो विशेषण की भाँति प्रयुक्त होता है। इसमें 'जो', 'जैसा', 'जितना' इत्यादि का प्रयोग होता है।

उदाहरण:

क्रिया-विशेषण उपवाक्य (Adverb Clause)

परिभाषा

क्रिया-विशेषण उपवाक्य वह आश्रित उपवाक्य है जो क्रिया-विशेषण की भाँति प्रयुक्त होता है। इसमें 'जब', 'ज्यों', 'जहाँ', 'जिधर', 'यद्यपि' इत्यादि का प्रयोग होता है।

उदाहरण:

💡 इन उपवाक्यों का सही प्रयोग करके हम अपने वाक्यों को अधिक स्पष्ट और प्रभावी बना सकते हैं।