| नाम | काल | उदाहरण |
|---|---|---|
| प्राचीन भारतीय आर्य भाषाएँ | 1500 ई. पू. से 500 ई. पू. | वैदिक संस्कृत, लौकिक संस्कृत |
| मध्यकालीन भारतीय आर्य भाषाएँ | 500 ई. पू. से 1000 ई. | पालि, प्राकृत, अपभ्रंश |
| आधुनिक भारतीय आर्य भाषाएँ | 1000 ई. से अब तक | हिन्दी की बोलियाँ (मराठी, बांग्ला, उड़िया आदि) |
काल: 1500 ई. पू. - 500 ई. पू.
काल: 500 ई. पू. - 1000 ई.
काल: 1000 ई. से अब तक
| अपभ्रंश के भेद | आधुनिक भारतीय आर्य भाषाएँ |
|---|---|
| शौरसेनी अपभ्रंश | पश्चिमी हिन्दी, राजस्थानी, गुजराती |
| अर्द्धमागधी अपभ्रंश | पूर्वी हिन्दी (अवधी, बघेली, छत्तीसगढ़ी) |
| मागधी अपभ्रंश | बिहारी, बांग्ला, उड़िया, असमिया |
| खस अपभ्रंश | पहाड़ी भाषाएँ |
| ब्राचड़ अपभ्रंश | पंजाबी, सिन्धी |
| महाराष्ट्री अपभ्रंश | मराठी |
भाषा मानव संप्रेषण का एक माध्यम है, जो लिखित, मौखिक और सांकेतिक रूप में अभिव्यक्त होती है। भाषा को मुख्य रूप से दो भागों में विभाजित किया जा सकता है: लिखित और मौखिक।
लिखित भाषा वह है जिसे कागज पर या किसी डिजिटल माध्यम पर लिखा जाता है। यह स्थायी होती है और इसे समय-समय पर पढ़ा जा सकता है।
लिखित भाषा में वर्ण, अक्षर, शब्द, पद, पदबंध, उपवाक्य, और वाक्य का महत्वपूर्ण योगदान होता है।
वर्ण किसी भी भाषा का सबसे छोटा इकाई है। हिंदी भाषा में 44 वर्ण होते हैं जिनमें स्वर और व्यंजन शामिल हैं।
वर्णों का समूह अक्षर कहलाता है। अक्षर का स्वतंत्र अर्थ नहीं होता है, लेकिन यह शब्द बनाने में सहायक होता है।
अक्षरों के समूह से शब्द बनते हैं। प्रत्येक शब्द का अपना एक विशेष अर्थ होता है।
शब्द का वह रूप जो किसी वाक्य में उपयोग किया जाता है, पद कहलाता है।
पदों का समूह जो मिलकर वाक्य का एक भाग बनाता है, पदबंध कहलाता है। यह किसी विशेष अर्थ को व्यक्त करने के लिए होता है।
यह वाक्य का वह हिस्सा होता है जो एक पूर्ण विचार को व्यक्त नहीं करता, लेकिन मुख्य वाक्य का हिस्सा होता है।
शब्दों के समूह से जो पूर्ण विचार व्यक्त होता है, वह वाक्य कहलाता है। वाक्य का आरंभ एक बड़े अक्षर से होता है और अंत किसी पूर्ण विराम या अन्य विराम चिह्न से होता है।
मौखिक भाषा वह है जिसे बोला और सुना जाता है। यह तात्कालिक होती है और सीधे संवाद के लिए उपयोग की जाती है।
सांकेतिक भाषा वह है जिसमें हाव-भाव, संकेतों, और इशारों के माध्यम से संवाद किया जाता है। इसे बधिर और श्रवण-बाधित व्यक्तियों के लिए विशेष रूप से विकसित किया गया है।