वैदिक संस्कृति

परिचय
आर्यों का मूल निवास स्थान

आर्यों के मूल निवास स्थान को लेकर विद्वानों में मतभेद हैं। कुछ प्रमुख विचार निम्नलिखित हैं:

विद्वानमूल निवास स्थान
प्रो. मैक्समूलरमध्य एशिया (बैक्ट्रिया)
स्वामी दयानंद सरस्वतीतिब्बत
बाल गंगाधर तिलकउत्तरी ध्रुव (आर्कटिक प्रदेश)
डॉ. अविनाश चंद्र दाससप्त सैंधव प्रदेश
गंगानाथ झाब्रह्मर्षि देश
प्रो. गॉर्डन चाइल्डदक्षिणी रूस
स्रोत: आर्यों के बारे में जानकारी का मुख्य स्रोत वेद हैं। इसके अतिरिक्त, एशिया माइनर (तुर्की) के बोगजकोई नामक स्थान से 1400 ई.पू. के एक अभिलेख में ऋग्वैदिक देवताओं - इन्द्र, मित्र, वरुण तथा नासत्य का उल्लेख मिलता है, जो मध्य एशिया के सिद्धांत का समर्थन करता है।
ऋग्वैदिक काल (1500 - 1000 ई.पू.)
भौगोलिक विस्तार
राजनीतिक स्थिति
सामाजिक स्थिति
आर्थिक स्थिति
धार्मिक स्थिति

ऋग्वेद में निहित गायत्री मंत्र किस देवता को समर्पित है?

प्रसिद्ध गायत्री मंत्र ऋग्वेद के तीसरे मंडल में है। इसके रचनाकार विश्वामित्र हैं और यह सावितृ (सूर्य) देवता को समर्पित है।

उत्तरवैदिक काल (1000 - 600 ई.पू.)
भौगोलिक, राजनीतिक एवं आर्थिक परिवर्तन
सामाजिक एवं धार्मिक परिवर्तन

'सत्यमेव जयते' महावाक्य कहाँ से लिया गया है?

'सत्यमेव जयते' भारत का राष्ट्रीय आदर्श वाक्य है, जो मुण्डक उपनिषद् से लिया गया है। यह उपनिषद् अथर्ववेद से संबंधित है। इसी उपनिषद् में यज्ञ की तुलना टूटी नाव से की गई है।

वैदिक साहित्य
वेद: वेद चार हैं। ऋग्वेद, यजुर्वेद तथा सामवेद को संयुक्त रूप से 'वेदत्रयी' कहा जाता है।
वेदविवरणब्राह्मण ग्रंथपुरोहित
ऋग्वेदयह सबसे प्राचीन वेद है। इसमें 10 मंडल, 1028 सूक्त एवं 10,580 ऋचाएं हैं। यह देवताओं की स्तुतियों का संग्रह है।ऐतरेय, कौषीतकिहोतृ
यजुर्वेदयह गद्य एवं पद्य दोनों में है। इसमें यज्ञ के नियमों एवं विधि-विधानों का संकलन है।तैत्तिरीय, शतपथअध्वर्यु
सामवेदइसे 'भारतीय संगीत का जनक' कहा जाता है। इसमें यज्ञों के अवसर पर गाए जाने वाले मंत्रों का संग्रह है।पंचविश, षड्विंशउद्गाता
अथर्ववेदइसके रचयिता अथर्वा ऋषि हैं। इसमें रोग निवारण, तंत्र-मंत्र, जादू-टोना, वशीकरण आदि का वर्णन है। 'इतिहास' शब्द का उल्लेख भी इसी वेद में मिलता है।गोपथब्रह्मा
वेदांग, उपनिषद्, पुराण एवं दर्शन: