भारत की नदियां,नदी जल विवाद

सामान्य तथ्य
नदियों का वर्गीकरण

🧭 प्रवाह की दृष्टि से वर्गीकरण

  1. पूर्ववर्ती अपवाह(Antecedent Drainage): ये नदियां अपने मार्ग की बाधाओं को काटकर आगे बढ़ती हैं। हिमालय की नदियां इसी प्रकार की हैं।
  2. अपवर्ती अपवाह(Consequent Drainage): ये नदियां ढाल की ओर बहती हैं। प्रायद्वीपीय नदियां इसी श्रेणी में आती हैं।

🧭 भारत की नदियों को दो अन्य श्रेणियों में भी वर्गीकृत किया जा सकता है:

  1. हिमालयी या उत्तर भारतीय नदियां
  2. प्रायद्वीपीय नदियां
हिमालयी या उत्तर भारतीय नदियां
प्रायद्वीपीय नदियां
भारत की प्रमुख नदियां
📊 नदी जल मापन:
  • T.M.C. (Thousand Million Cubic Feet) नदी जल की कुल मात्रा को व्यक्त करता है।
  • Cusec (Cubic Feet Per Second) नदी के जल के प्रवाह को व्यक्त करता है।
(A) सिंधु नदी तंत्र
नदी उद्गम मुहाना सहायक नदी
सिंधु कैलाश मानसरोवर (तिब्बत) अरब सागर झेलम, चिनाब, रावी, व्यास, सतलज
🔍 विशेष: चिनाब सबसे बड़ी सहायक नदी है। भारत में यह लद्दाख और जास्कर के मध्य लेह से गुजरती है।
नदी उद्गम मुहाना सहायक नदी
झेलम बेरीनाग झील (जम्मू कश्मीर) चिनाब किशनगंगा
🔍 विशेष: श्रीनगर, झेलम तट पर है।
नदी उद्गम मुहाना सहायक नदी
चिनाब बारालाचा दर्रा (हिमाचल प्रदेश) सिंधु चंद्रा एवं भागा
🔍 विशेष: जम्मू चिनाब के तट पर स्थित है।
नदी उद्गम मुहाना सहायक नदी
रावी रोहतांग दर्रा (हिमाचल प्रदेश) चिनाब -
व्यास रोहतांग दर्रा (हिमाचल प्रदेश) हरि के बैराज के पास सतलज -
🔍 विशेष: हरि के बैराज से ही इंदिरा गाँधी नहर निकाली गयी।
नदी उद्गम मुहाना सहायक नदी
सतलज राकस ताल (तिब्बत) चिनाब (पाकिस्तान) व्यास,स्पीति,नागली खंड
🔍 विशेष: भाखड़ा नांगल बाँध, सतलज नदी पर ही है।
(B) गंगा नदी तंत्र
नदी उद्गम मुहाना सहायक नदी
गंगा गंगोत्री (उत्तरकाशी) बंगाल की खाड़ी बाएं तट से: रामगंगा, शारदा या सरयू, घाघरा, गंडक, गूढ़ी गंडक, कोसी और महानंदा
दाएं तट से: यमुना, टोंस या तमसा, सोन, दामोदर आदि
🔍 विशेष:
  • अपवाह राज्य: उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल
  • गंगा उद्गम के समय भागीरथी के नाम से जानी जाती है। देवप्रयाग में अलकनंदा के मिलने से गंगा का जन्म होता है।
  • इस नदी को तीन भागों में विभक्त किया जा सकता है:
    • सहारनपुर तक ऊपरी गंगा
    • सहारनपुर से बनारस तक मध्य गंगा
    • बनारस से गंगासागर तक निम्न गंगा
  • बंगाल में गंगा दो शाखाओं में विभक्त हो जाती है: भारत में भागीरथी, हुगली तथा बांग्लादेश में पदमा
  • पदमा और ब्रह्मपुत्र के मेल से मेघना का उदय हुआ।
  • गंगा को भारत की राष्ट्रीय नदी घोषित किया गया है।
  • सुईस (मीठे पानी की डॉल्फिन) को राष्ट्रीय जलीय जंतु घोषित किया गया है।
  • प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में गंगा बेसिन अथॉरिटी का गठन किया गया है।
नदी उद्गम मुहाना सहायक नदी
यमुना यमुनोत्री (उत्तरकाशी) प्रयाग में गंगा बाएं तट से: हिंडन, वरुणा, सेंगर, रिंद
दाएं से: चंबल, बेतवा, केन
🔍 विशेष: यह गंगा नदी की सबसे बड़ी सहायक नदी है।
नदी उद्गम मुहाना सहायक नदी
रामगंगा गढ़वाल हिमालय कन्नौज में गंगा -
🔍 विशेष: राम गंगा तराई की डिस्टलरी और शुगर मिल्स का गंदा पानी गंगा में मिला देती है।
नदी उद्गम मुहाना सहायक नदी
शारदा या सरयू मिलाप ग्लेशियर (कुमायूं) बहराम घाट घाघरा
🔍 विशेष: यह काली, सरयू और गौरी गंगा के नाम से भी जानी जाती है।
नदी उद्गम मुहाना सहायक नदी
घाघरा मांपचाचुंगी (ट्रांस हिमालय) गंगा (छपरा, बिहार) राप्ती, शारदा
गंडक नेपाल हिमालय बिहार में सोनपुर -
🔍 विशेष: नेपाल में नारायणी और शालिग्राम के नामों से जानी जाती है।
नदी उद्गम मुहाना सहायक नदी
कोसी पूर्वी नेपाल गंगा 7 छोटी नदियां जिन्हें नेपाल में सत्य कौशिकी कहा जाता है
🔍 विशेष: मार्ग विक्षेपण के लिए जानी जाती है, इसे बिहार का शोक भी कहा जाता है।
नदी उद्गम मुहाना सहायक नदी
गोमती पीलीभीत का दलदली क्षेत्र गाजीपुर में गंगा सईं, बरना
🔍 विशेष: लखनऊ और जौनपुर गोमती तट पर ही बसे हैं।
नदी उद्गम मुहाना सहायक नदी
सोन अमरकंटक का पठार पटना में गंगा रिहन्द
🔍 विशेष: सोन, स्वर्णरेखा व रामगंगा में सोने के कण पाए जाते हैं।
नदी उद्गम मुहाना सहायक नदी
दामोदर छोटा नागपुर का पठार हुगली नदी जमुनिया
🔍 विशेष: बंगाल का शोक कहा जाता है।
नदी उद्गम मुहाना सहायक नदी
टोंस या तमसा तैमूर पहाड़ी इलाहाबाद में गंगा -
🔍 विशेष: बिहार जलप्रपात इसी नदी पर है।
नदी उद्गम मुहाना सहायक नदी
चंबल जानापाव पहाड़ी यमुना (औरैया) काली सिंधु, पार्वती, बनास
🔍 विशेष: चूलिया जलप्रपात इसी नदी पर है। चंबल घड़ियालों के लिए जानी जाती है।
नदी उद्गम मुहाना सहायक नदी
बेतवा रायसेन (विन्ध्य पर्वत) हमीरपुर (यमुना) -
🔍 विशेष: ओरछा (M.P), बेतवा के तट पर है।
नदी उद्गम मुहाना सहायक नदी
केन विंध्य पर्वत (M.P.) बांदा में यमुना -
(C) ब्रह्मपुत्र नदी तंत्र
नदी उद्गम मुहाना सहायक नदी
ब्रह्मपुत्र तिब्बत में कैलाश मानसरोवर बंगाल की खाड़ी दाएं से: तीस्ता, मानस, धनश्री
बाएं से: बराक
🔍 विशेष:
  • ब्रह्मपुत्र भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में भिन्न-भिन्न नामों से जानी जाती है:
    • तिब्बत में त्संगपो
    • अरुणाचल प्रदेश में दिहांग
    • असम में लुइट या ब्रह्मपुत्र
    • बांग्लादेश में जमुना
  • सर्वाधिक सहायक नदियां ब्रह्मपुत्र की ही हैं।
  • विश्व का सबसे बड़ा नदी द्वीप माजुली इसी में है।
(D) अन्य प्रमुख नदियां
नदी उद्गम मुहाना विशेष
माही अरावली पहाड़ियां खंभात की खाड़ी -
लूणी अरावली पहाड़ी (अजमेर) कच्छ का रण सहायक नदी: जवाई
साबरमती अरावली पहाड़ी (अजमेर) खंभात की खाड़ी अहमदाबाद इसके तट पर है
महानदी सिहावा (छत्तीसगढ़) बंगाल की खाड़ी कटक महानदी तट पर स्थित है
ब्राह्मणी छोटा नागपुर का पठार बंगाल की खाड़ी -
सुवर्णरेखा छोटा नागपुर का पठार बंगाल की खाड़ी जमशेदपुर इसी के तट पर स्थित है
नर्मदा अमरकंटक का पठार खंभात की खाड़ी >रिफ्ट वैली में बहती है। एस्चुअरी का निर्माण करती है। नर्मदा अनेक जलप्रपातों के लिए जानी जाती है: कपिलधारा, दुग्धधारा, धुआंधारा
ताप्ती मध्यप्रदेश का मूल्ताई खंभात की खाड़ी एस्चुअरी का निर्माण करती है
गोदावरी त्र्यंबकेश्वर (नासिक, महाराष्ट्र) बंगाल की खाड़ी सहायक नदी: पेनगंगा, वेनगंगा, वर्धा, इंद्रावती, मंजीरा
गोदावरी को दक्षिण की गंगा या वृद्ध गंगा भी कहते हैं
दक्षिण भारत की सबसे पुरानी नदी है
भारत में बहने वाली दूसरी सबसे बड़ी नदी है
नासिक गोदावरी तट पर स्थित है
कृष्णा महाबलेश्वर (महाराष्ट्र) बंगाल की खाड़ी सहायक नदी: पंचगंगा, दूधगंगा, घाटप्रभा, मालप्रभा, मूसी, तुंगभद्रा
तुंगभद्रा सबसे बड़ी सहायक नदी है
विजयवाड़ा कृष्णा तट पर स्थित है
हैदराबाद मूसी तट पर स्थित है
तुंगभद्रा तुंगा और भद्रा नदियों का संगम कृष्णा नदी तुंगा और भद्रा का उद्गम वराहा पर्वत से है
तुंगभद्रा के मध्य क्षेत्र को रायचूर का दोआब कहा जाता है
विजयनगर तुंगभद्रा पर स्थित था
शरावती पश्चिमी घाट अरब सागर भारत का सबसे ऊंचा जलप्रपात जोग या गेरसोप्पा महात्मा गांधी प्रपात इसी नदी पर स्थित है
कावेरी कर्नाटक का कुर्ग क्षेत्र बंगाल की खाड़ी दक्षिण की गंगा भी कहा जाता है
प्रायद्वीपीय भारत की एकमात्र नदी जिसमें वर्ष भर जल भरा रहता है
🔍 अन्य महत्वपूर्ण नदियां:
  • दमन और दीव की प्रसिद्ध नदी है दमनगंगा
  • गोवा की प्रसिद्ध नदियां हैं मांडवी, जुआरी
  • केरल की सबसे बड़ी नदी है पेरियार और भरतपुझा
  • मणिपुर की प्रसिद्ध नदी है बराक
नदी जल विवाद का परिचय
⚖️ अंतर्राज्यीय जल विवाद अधिनियम, 1956 के अनुसार, केंद्र सरकार अंतर्राज्यीय नदी जल विवादों के निपटारे के लिए न्यायाधिकरण (Tribunal) का गठन कर सकती है।
भारत के अंतर्राज्यीय नदी जल विवाद

(1) सतलज नदी जल विवाद

  • सतलज के जल को एक नहर के द्वारा यमुना तक पहुँचाने का प्रस्ताव है।
  • इससे हरियाणा को सतलज का जल मिल सकेगा।
  • 1982 में सर्वोच्च न्यायालय ने इस संदर्भ में दिशा निर्देश दिए।
  • ईराडी आयोग का गठन इसी उद्देश्य से किया गया परंतु अब भी यह मसला विवादित है।

(2) यमुना नदी जल विवाद

  • यमुना के जल को लेकर उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली के मध्य विवाद है।

(3) गोदावरी जल विवाद

  • गोदावरी के जल के संदर्भ में महाराष्ट्र व आंध्रप्रदेश में विवाद है।
  • 1969 में इसके लिए बछावर आयोग गठित किया गया।

(4) कृष्णा नदी जल विवाद

  • कृष्णा के जल को लेकर कर्नाटक एवं आंध्र प्रदेश में विवाद है।
  • 1976 में इसके लिए भी बछावर आयोग गठित किया गया।
  • 1964 में कर्नाटक में सड़क पर अलबट्टी बांध का निर्माण किया गया, जिसे लाल बहादुर शास्त्री मार्ग ही कहते हैं।

(5) कावेरी नदी जल विवाद

  • कावेरी जल विवाद सबसे पुराना जल विवाद है। यह ब्रिटिश काल से ही अस्तित्व में है।
  • 1914 में इसके लिए Griffin कमीशन गठित किया गया।
  • सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर N.K. सिंह की अध्यक्षता में एक Tribunal बनाया गया।
  • इसी Tribunal ने 4 राज्यों के मध्य जल के बंटवारे का सुझाव दिया – ये कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी हैं।
भारत और पड़ोसी देशों के मध्य जल विवाद

भारत-पाकिस्तान

  • भारत-पाकिस्तान के मध्य सिन्धु जल को लेकर विवाद है।
  • 1960 में भारत-पाकिस्तान के मध्य सिंधु जल समझौता हुआ।
  • इसके तहत सिन्धु, झेलम, चिनाव के जल पर पाकिस्तान को विशेष अधिकार दिया गया।
  • रावी, व्यास, सतलज के जल पर भारत को वरीयता दी गई है।
  • इस प्रकार 80 प्रतिशत जल पाकिस्तान को सौंप दिया गया परंतु पाकिस्तान को अभी भी भारत की अनेक परियोजनाओं पर आपत्ति है।
  • विश्व बैंक ने रेमंड की अध्यक्षता में एक Tribunal का गठन किया जिसने भारत के पक्ष में निर्णय दिया।
  • वर्तमान में जम्मू और कश्मीर में 67 परियोजनाएं लंबित हैं।

भारत-बांग्लादेश

  • भारत-बांग्लादेश के पास 54 साझा नदियां हैं।
  • गंगा, तीस्ता और बराक के जल बंटवारे को लेकर दोनों देशों में विवाद है।
  • कोलकाता बंदरगाह की जलापूर्ति के लिए भारत ने मुर्शिदाबाद में फरक्का बैराज स्थापित किया है।
  • 1987 में गंगा जल के बंटवारे को लेकर दोनों देशों में एक समझौता किया गया।
  • भारत, पश्चिम बंगाल में तीस्ता Low Dam प्रोजेक्ट का निर्माण कर रहा है, जिस पर बांग्लादेश को आपत्ति है।
  • मणिपुर में बराक नदी पर तिपाई मुख परियोजना का निर्माण किया जा रहा है। बांग्लादेश को इस पर भी आपत्ति है।

भारत-नेपाल

  • भारत और नेपाल के मध्य महाकाली, गंडक और कोसी नदियों को लेकर विवाद है।
  • महाकाली, नेपाल और उत्तराखंड की सीमा बनाती है।
  • इस पर शारदा, पंचेश्वर और टनकपुर बांध निर्मित किए गए हैं।

भारत-चीन

  • चीन ब्रह्मपुत्र की धारा को उत्तर की ओर मोड़ना चाहता है, जिस पर भारत को आपत्ति है।
National River Grid (नदी जोड़ो परियोजना)
🌊 पृष्ठभूमि:
  • भारत में लगभग 165 जिले प्रतिवर्ष बाढ़ से प्रभावित होते हैं।
  • इतने ही जिले सूखा आशंकित हैं।
  • कुल नदी जल का 80% समुद्र में मिलकर व्यर्थ हो जाता है।
  • इस समस्या के समाधान हेतु नदी जोड़ो परियोजना प्रस्तावित की गई है।
  • 1960 में सर्वप्रथम K.L. Rao ने यह प्रस्ताव रखा।
  • 2000 में सर्वोच्च न्यायालय में एक P.I.L. दाखिल की गई।
  • सर्वोच्च न्यायालय ने 2012 तक इसे पूरा करने का निर्देश दिया।(लेकिन अभी लंबित)

प्रमुख प्रावधान

  • कुल 30 नदियों को आपस में जोड़ा जाना है जिसमें 16 प्रायद्वीपीय नदियाँ तथा 14 हिमालयी नदियां हैं। तत्पश्चात इन्हें दो स्थानों पर एक दुसरे से जोड़ दिया जाना है।
  • इस प्रक्रिया में जल को नहरों द्वारा स्थानांतरित किया जाएगा।
  • बीच-बीच में बांधों का निर्माण करके जल संग्रह किया जाएगा।
  • 2002 में इस परियोजना का परिव्यय ₹560000 करोड़ था। जो उस वर्ष के केंद्रीय बजट के बराबर था।

लाभ

  • कुल 10 करोड़ कुशल एवं अकुशल लोगों को रोजगार मिलेगा, भारत में इतने ही बेरोजगार लोग हैं।
  • 90% खेतों तक सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो जाएगी जिससे खाद्यान्न उत्पादन बढ़कर 45 करोड़ टन तक पहुंच सकता है।
  • 2025 तक भारत को 33 करोड़ टन खाद्यान्न की आवश्यकता होगी, इस प्रकार अधिशेष अनाज का निर्यात किया जा सकता है।
  • नहरों के किनारे सड़कों का निर्माण किया जाएगा जिससे कुल सड़क मार्ग 65 लाख किलोमीटर हो जाएगा।
  • वर्षा जल के संग्रहण से भूजल का स्तर बढ़ेगा जिससे जलापूर्ति की समस्या का समाधान होगा।
  • इस परियोजना से सीमेंट, लोहा और ईंट उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।
  • बांधों को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया जा सकता है।
  • विद्युत उत्पादन बढ़ाया जा सकता है।
  • बाढ़ एवं सूखा की समस्या का समाधान स्थाई रूप से हो जाएगा।

नकारात्मक प्रभाव

  • नदियों का स्वाभाविक प्रवाह बाधित हो सकता है।
  • बांधों के निर्माण से विस्थापन, बाढ़ एवं महामारी का खतरा उत्पन्न होगा।
  • वृक्षों की कटाई से पर्यावरण असंतुलन उत्पन्न हो सकता है।
  • नदियों का जलाभाव इस परियोजना की राह में बड़ा रोड़ा बन सकता है।
भारत की प्रमुख घाटियाँ

1. अराकु घाटी (आंध्र प्रदेश)

  • यह घाटी आंध्र प्रदेश राज्य में स्थित है।

2. कांगड़ा घाटी (हिमाचल प्रदेश)

  • यह हिमाचल प्रदेश में स्थित एक प्रमुख घाटी है।
  • प्रसिद्ध सांस्कृतिक एवं पर्यटन स्थल 'धर्मशाला' इसी घाटी में अवस्थित है।

3. किन्नौर घाटी (हिमाचल प्रदेश)

  • यह हिमाचल प्रदेश के उत्तर-पूर्वी भाग में तिब्बत की सीमा के समीप स्थित है।
  • यह घाटी हिमाचल प्रदेश के अंतिम गाँव 'चिटकुल' को मार्ग प्रदान करती है।

4. कुल्लू घाटी (हिमाचल प्रदेश)

  • यह घाटी धौलाधर एवं पीरपंजाल पर्वत श्रेणियों के मध्य अवस्थित है।
  • इसे "देवताओं की घाटी" भी कहा जाता है।
  • यह घाटी अपने सात-दिवसीय दशहरा त्यौहार के लिए भी प्रसिद्ध है।

5. कम्बम घाटी (तमिलनाडु)

  • यह घाटी तमिलनाडु राज्य में स्थित है।

6. गलवान घाटी (लद्दाख)

  • इस घाटी का निर्माण गलवान नदी द्वारा होता है।

7. चंबा घाटी (हिमाचल प्रदेश)

  • यह घाटी हिमाचल प्रदेश में स्थित है।

8. चुंबी घाटी (सिक्किम)

  • यह घाटी सिक्किम, भूटान और चीन के त्रिकोण (मिलान बिंदु) पर स्थित है।
  • यह पहले सिक्किम का हिस्सा थी, किन्तु 1792 में यह तिब्बत का अंग बन गई।
  • नाथूला दर्रा और जैलेप्ला दर्रा इसी घाटी में स्थित हैं।
  • यह एक प्रमुख पर्यटक स्थल भी है।

9. जुकू घाटी (नागालैंड)

  • यह नागालैंड में कोहिमा से लगभग 30 कि.मी. की दूरी पर अवस्थित है।

10. नेलांग घाटी (उत्तराखंड)

  • यह घाटी उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री नेशनल पार्क में स्थित है।
  • वर्ष 1962 के युद्ध के बाद इसे बंद कर दिया गया था, और 2015 में पर्यटकों के लिए फिर से खोल दिया गया।

11. न्योरा घाटी (पश्चिम बंगाल)

  • यह पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में स्थित है।
  • इसे वर्ष 1986 में राष्ट्रीय पार्क घोषित किया गया था।

12. नुब्रा घाटी (लद्दाख)

  • यह घाटी नुब्रा नदी द्वारा निर्मित है, जो सियाचिन हिमनद से निकलती है।
  • यह लद्दाख क्षेत्र में स्थित है।

13. पांगी घाटी (हिमाचल प्रदेश)

  • यह हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में जास्कर और पीर पंजाल पर्वतमाला के बीच स्थित है।
  • यह पंगवाल और भोटिया जनजातियों का प्रमुख आवास क्षेत्र है।

14. पार्वती घाटी (हिमाचल प्रदेश)

  • यह हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में स्थित है।
  • यह घाटी हिन्दू और सिख तीर्थयात्रियों को मणिकरण जाने के लिए मार्ग प्रदान करती है।
  • यहाँ गर्म जल के स्रोत पाए जाते हैं, जिसके कारण यहाँ एक भूतापीय ऊर्जा संयंत्र की स्थापना की गई है।

15. फूलों की घाटी (उत्तराखंड)

  • यह घाटी उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है। यह एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है।

16. मालना घाटी (हिमाचल प्रदेश)

  • यह हिमाचल प्रदेश में स्थित है और इसे "छोटा यूनान" के रूप में भी जाना जाता है।

17. मुर्खा घाटी (लद्दाख)

  • यह लद्दाख की एक प्रसिद्ध घाटी है।

18. यूथांग घाटी (सिक्किम)

  • यह सिक्किम में गंगटोक से लगभग 149 कि.मी. की दूरी पर स्थित है।
  • यह घाटी "हॉट स्प्रिंग्स" (गर्म झरनों) के लिए प्रसिद्ध है।
  • यहाँ रोडोडेंड्रोन की झाड़ियाँ बहुतायत में पाई जाती हैं।

19. सांगला घाटी (हिमाचल प्रदेश)

  • यह हिमाचल प्रदेश में स्थित है और इसे "बास्पा घाटी" के नाम से भी जाना जाता है।
  • यह चारों ओर से ऊँची पर्वतीय चोटियों से घिरी हुई है।

20. शांत घाटी (केरल)

  • यह केरल राज्य के पलक्कड़ जिले में पश्चिमी घाट की नीलगिरि पहाड़ियों पर स्थित है।
  • कुन्थी नदी इसी घाटी के वन क्षेत्र से निकलती है।

21. स्पीति घाटी (हिमाचल प्रदेश)

  • यह हिमाचल प्रदेश के उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित एक ठंडी मरुस्थलीय घाटी है।
  • बौद्धों का प्रसिद्ध और प्राचीन 'ताबो मठ' इसी घाटी में स्थित है।