🌍 ऋतु परिवर्तन: पृथ्वी के अपने अक्ष पर झुकाव (23.5°) और सूर्य के चारों ओर परिक्रमण के कारण ऋतुएँ परिवर्तित होती हैं।
पृथ्वी की पपड़ी के पदार्थों को ‘चट्टान’ कहा जाता है। चट्टान की रचना खनिज पदार्थों से मिलकर होती है।
बनावट की प्रक्रिया के आधार पर चट्टान तीन प्रकार के होते हैं:
भूकंपीय लहरें
| प्राथमिक लहरें (P) | अनुप्रस्थ या द्वितीयक लहरें (S) | धरातलीय लहरें (L) |
|---|---|---|
| • लंबात्मक तरंग • गतिः 8-14 किमी./सेकेण्ड • पृथ्वी के अंदर प्रत्येक माध्यम में |
• ये लहरें जलतरंग या प्रकाश तरंग के समान • अनुप्रस्थ तरंग • गतिः 4 किमी./सेकेण्ड • केवल ठोस माध्यम में |
• मुख्यतः धरातल तक ही सीमित • अन्य लहरों की अपेक्षा कम वेग • गतिः 1.5-3 किमी./सेकेण्ड • अधिक गहराई पर लुप्त। |
उदगार अवधि के अनुसार, ज्वालामुखी 3 प्रकार के होते हैं
| सक्रिय ज्वालामुखी (Active Volcano) | सुषुप्त ज्वालामुखी (Dormant Volcano) | शांत ज्वालामुखी (Extinct Volcano) |
|---|---|---|
| → ज्वालामुखी से सदैव लावा उद्गार → विश्व में लगभग 500 सक्रिय ज्वालामुखी → उदाहरण- इटली का 'एटना' तथा 'स्ट्राम्बोली', बैरन (अंडमान-निकोबार) भारत का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी |
→ ज्वालामुखी उद्भेदन के बाद शांत, किंतु अचानक उद्भेदन → उदाहरण-विसुवियस (इटली), क्राकाटाओ (इंडोनेशिया), फ्यूजीयामा (जापान) |
→ ज्वालामुखी उद्गार पूर्णतया समाप्त → उदाहरण-कोह सुल्तान तथा देमवन्द (ईरान), पोपा (म्यांमार) |