यह एक ज्वारीय बंदरगाह है, जो कच्छ के रण और कर्क रेखा के निकट है।
यह रसायनों के निर्यात के लिए जाना जाता है।
काण्डला में भी एक S.E.Z. (Special Economic Zone) बनाया गया है।
भारत का सबसे बड़ा बंदरगाह है जहाँ से 20% व्यापार किया जाता है।
मुम्बई बंदरगाह के भार को कम करने के लिए इसका निर्माण किया गया।
यह भारत का आधुनिकतम बंदरगाह है।
जुआरी नदी पर स्थित एक प्राकृतिक बंदरगाह है।
इस बंदरगाह से खुद्रेमुख स्टील प्लांट से स्टील प्राप्त किया जाता है।
यह एक प्राकृतिक बंदरगाह है।
यह भारत का सबसे दक्षिणी बंदरगाह है।
समुद्र पर स्थित कृत्रिम बंदरगाह है।
वर्तमान बंदरगाहों में सबसे पुराना है।
भारत का दूसरा सबसे व्यस्त बंदरगाह है।
इसे कामराज पोर्ट भी कहा जाता है।
यह corporate sector का बंदरगाह है।
भारत का सबसे गहरा बंदरगाह है।
यह Land Locked पोर्ट है।
यह लौह निर्यात हेतु प्रसिद्ध है।
डॉल्फिन नोज नामक चट्टान इसे सुनामी से बचाती है।
दोनों के मध्य 105 km की दूरी है।
कोलकाता बंदरगाह हुगली नदी पर बनाया गया है।
इसका प्रयोग नेपाल, भूटान, बांग्लादेश और चीन द्वारा भी किया जाता है।
हल्दिया समुद्र तट पर स्थित है। यह Petrochemical के आयात के लिए जाना जाता है।
भारत का नवीनतम बंदरगाह।
यहाँ एक Integrated command की स्थापना की गई है।
इसका प्रयोग सामरिक उद्देश्यों से किया जाता है।
15 अगस्त 2003 को भारत में बंदरगाहों के विकास और गुणवत्ता को बढ़ाने के मूल उद्देश्य के साथ भारत सरकार द्वारा अनुमोदित किया गया था।
इसके 3 चरण हैं:
इसे उस समय की सबसे महत्वाकांक्षी योजना माना गया था।
यह एक प्रस्तावित परियोजना है।
भारत और श्रीलंका के बीच कुल 70 km की दूरी है, जिसमें 22 km रेतीला भूखण्ड है, तत्पश्चात् 48 km तक चट्टानों की श्रृंखला है।
भारतीय इसे रामसेतु के रूप में जानते हैं।
वर्तमान में इसे एडम्स ब्रिज के नाम से जाना जाता है।
14वीं शताब्दी तक यह भारत और श्रीलंका के बीच आवागमन का मार्ग था, तत्पश्चात् सुनामी में यह नष्ट हो गया।
NDA सरकार ने सेतुसमुद्रम की रूपरेखा तैयार की, UPA सरकार ने इसे आगे बढ़ाया। यद्यपि सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दिए निर्णय के आधार पर इसका काम रोक दिया गया था।
1986 में गंगा-भागीरथी नदियों पर चिन्हित किया गया।
यह इलाहाबाद से हल्दिया तक 1620 km की दूरी तय करता है।
यह भारत का सबसे बड़ा राष्ट्रीय जलमार्ग है।
1992 में ब्रह्मपुत्र नदी पर चिन्हित किया गया।
सदिया से धुबरी (असम) के मध्य 891 km की दूरी है।
केरल में 1993 में कोल्लम-कट्टापुरम नहर में स्थापित किया गया।
चम्पकारा और उद्योग मण्डल को भी इससे जोड़ दिया गया।
कुल लम्बाई: 205 km
काकीनाडा से पुडुचेरी के मध्य
कुल लम्बाई: 1078 km
ओडिशा में ब्राह्मणी और महानदी की सहायक नदियों तथा कुछ नहरों को आपस में जोड़ा जाना है।
कुल लम्बाई: 623 km
तलचर और पाराद्वीप जैसे प्रमुख नगर NW-4 से जोड़े जाएंगे।
भविष्य में NW-4 व NW-5 का विलय कर दिया जाएगा।
असम में बराक नदी पर लाखीपुर से भांगा कुल 121 km की दूरी को जोड़ा जाना है।
मीटर गेज को ब्रॉड गेज में बदलने की योजना ही यूनीगेज कहलाती है।
CST (छत्रपति शिवाजी टर्मिनस) World Heritage में शामिल विश्व का चौथा स्थल है।
राष्ट्रीय राजमार्गों की दयनीय अवस्था के कारण यातायात के साधनों को निम्न क्षति होती है:
अतः विश्वस्तरीय राजमार्गों के निर्माण के लिए वर्ष 2000 में NHDP Project प्रारम्भ किया गया। इसके तहत 7 चरणों में 4, 6, 8, 10 और 12 लेन हाइवे बनाए जाने हैं।
इसके लिए डीजल पर 2 रु. तथा पेट्रोल पर 2 रु. सरचार्ज लगाकर धन एकत्रित किया जा रहा है।
इस परियोजना के प्रमुख चरण हैं:
ये दोनों गलियारे एक-दूसरे को झांसी में काटते हैं। झाँसी को राष्ट्रीय राजमार्ग का चौराहा कहा जाता है।
नागपुर को जीरो माइलस्टोन (Zero Milestone) कहा जाता है।
| हवाई अड्डा | स्थान |
|---|---|
| नेताजी सुभाष चंद्र बोस हवाई अड्डा | दमदम (कोलकाता) |
| छत्रपति शिवाजी हवाई अड्डा | सांताक्रूज (मुम्बई) |
| इंदिरा गाँधी हवाई अड्डा | नई दिल्ली |
| सरदार वल्लभभाई पटेल हवाई अड्डा | अहमदाबाद |
| राजीव गाँधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा | हैदराबाद |
| चौधरी चरण सिंह हवाई अड्डा | लखनऊ |
| वास्कोडिगामा हवाई अड्डा | गोवा |
| मीनाम्बकम हवाई अड्डा | चेन्नई |
| स्वामी विवेकानंद हवाई अड्डा | रायपुर |
| बिरसा मुंडा हवाई अड्डा | रांची |