भारत आने वाली पहली प्रजाति नीग्रिटो है।
भारत का सबसे प्रमुख आदिवासी समूह है।
भारत में सबसे बाद में आयी प्रजाति।
निवास स्थान: छत्तीसगढ़ के मूल निवासी
विशेषता: 16वीं शताब्दी में रानी दुर्गावती इसी से संबंधित थीं।
निवास स्थान: राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र
विशेषता: साहित्य में वर्णित सबसे पुरानी जनजाति, किरात के नाम से भी जानी जाती है। धनुष बाण धारण करने के कारण इन्हें भील कहा जाता है।
महत्वपूर्ण व्यक्ति: मोतीलाल तेजावत को भीलों का अग्रदूत कहा जाता है।
निवास स्थान: झारखण्ड के निवासी
विशेषता: इस क्षेत्र को संथाल परगना भी कहा जाता था।
ऐतिहासिक महत्व: 1855-56 में सिद्ध और कान्हू के नेतृत्व में संथालों ने बिक्कुओ (बाहरियों) के विरुद्ध विद्रोह किया।
निवास स्थान: झारखण्ड व उड़ीसा के निवासी
निवास स्थान: नागालैण्ड, मणिपुर, अरुणांचल व असम के निवासी
विशेषताएँ:
निवास स्थान: राजस्थान के मूल निवासी
विशेषता: मत्स्य पालन के कारण यह नाम दिया गया।
स्थिति:
विशेषता: गुर्जर मुख्यतः पशुपालन व कृषि से जुड़े हैं। जम्मू-कश्मीर के गुर्जर इस्लाम के अनुयायी हैं।
निवास: जम्मू-कश्मीर
धर्म: इस्लाम के अनुयायी
विशेषता: बकरियां पालने के कारण यह नाम दिया गया। बकरवाली कुत्ते प्रसिद्ध हैं।
निवास: मणिपुर
धर्म:कुकी जनजाति के ज़्यादातर लोग ईसाई हैं, और कुछ लोग हिन्दू धर्म का भी पालन करते हैं.
निवास: मणिपुर
विशेषता: मणिपुर की सबसे बड़ी जनजाति(नोट: मैतेई जनजाति नहीं, बल्कि मणिपुर के घाटी क्षेत्र का प्रमुख समुदाय है जिसे ST का दर्जा नहीं मिला है, इसी मुद्दे पर वर्तमान में मणिपुर में संघर्ष है)।
धर्म: हिन्दू धर्म के अनुयायी
निवास: अण्डमान-निकोबार
विशेषता: प्राचीनतम जनजातियों में एक,बाहरी दुनिया से कोई संपर्क नहीं रखते, अत्यधिक आक्रामक।
निवास: अण्डमान-निकोबार
विशेषता: भारत की सबसे छोटी जनजाति (जनसंख्या लगभग 100-150), प्राचीनतम जनजाति में एक
निवास: निकोबार
निवास: अण्डमान-निकोबार
निवास: नीलगिरी
विशेषता: श्रेष्ठ भैंस पालक माने जाते हैं। बहुपत्नीत्व प्रथा विद्यमान है।
निवास: सिक्किम व उत्तराखण्ड
भाषा: भोटिया, नेपाली, हिंदी आदि।
विशेषता: ये लोग दिवाली को शोक पर्व के रूप में मनाते हैं।
निवास: झारखण्ड
विशेषता: बिरसा मुण्डा को भगवान के रूप में पूजते हैं।
ऐतिहासिक महत्व: अंग्रेजों के विरुद्ध बिरसा मुण्डा के विद्रोह को उलगुलान कहा जाता है।
निवास: मध्य प्रदेश व महाराष्ट्र
विशेषता: महाराष्ट्र में कोली के नाम से जाने जाते हैं। मत्स्य पालन इनका प्रमुख व्यवसाय है।
ऐतिहासिक महत्व: कोली, मुम्बई के मूल निवासी हैं। 19वीं शताब्दी में कोलियों ने अंग्रेजों के विरुद्ध अनवरत् विद्रोह किया।
निवास: मूलतः चटगांव (बांग्लादेश) के निवासी। शरणार्थियों के रूप में त्रिपुरा वा अरुणांचल प्रदेश में निवास करते हैं।
धर्म: बौद्धमत के अनुयायी
निवास: केरल के मालाबार क्षेत्र
ऐतिहासिक महत्व: 1836-54 के मध्य अंग्रेजों के विरुद्ध 22 विद्रोह किए। 1921 का मोपला विद्रोह एक महत्वपूर्ण घटना माना जाता है।
| जनजाति | निवास स्थान |
|---|---|
| लाहौल | हिमाचल प्रदेश |
| लेप्चा | सिक्किम |
| लुसाई | मिजोरम |
| वार्ली | महाराष्ट्र |
| इस्ला | केरल और तमिलनाडु |
| अंगामी | नगालैण्ड |
| बादगाज | नीलगिरि |
| बैगा | मध्य प्रदेश |
| भुइआ | मध्य प्रदेश |
| बिरहोर (बिरहोड़) | झारखण्ड, छत्तीसगढ़, ओडिशा |
| चेन्चु | आंध्र प्रदेश |
| बडगा | तमिलनाडु |
| गारो, खासी, जयन्तिया | मेघालय |
| बुक्सा | उत्तर प्रदेश |
| माहीगिरि | उत्तर प्रदेश (इस्लाम को मानते हैं) |
| खस | उत्तराखण्ड |
| सेमा | ओडिशा |
जनजातियों के नाम, निवास स्थान और विशेषताएँ विभिन्न स्रोतों में थोड़ी भिन्न हो सकती हैं और समय के साथ बदल सकती हैं। नवीनतम जानकारी के लिए आधिकारिक स्रोतों का संदर्भ लें।